
सांगली जिले के जत तहसील के लवंगा उमदी में चार साधुओं की भीड़ ने मॉब लीन्चींग करके बेरहमी से पिटाई की। कानून हाथ मे लेकर घृणित कार्य करनेवाले ये कौन लोग है? ये हिंदुत्वविरोधी विचारोसे ग्रस्त गावगुंडोको अगर संदेह था तो साधूओंको पुलिस के हवाले क्यू नाही किया? इस मौके पर ऐसे कई सवाल खड़े होते हैं। यह घटना पालघर साधु नरसंहार से मिलती- जुलती है
ऐसा दिखा रहा है। चोर या बच्चे चुराने वाली टोली सिर्फ हिंदू साधूओमे ही क्यो नजर आती है कभी हरी चादर लेकर घुमनेवाले फकीरोमे क्यो नजर नाही आती इन सभी प्रश्नो के उत्तर पालघर साधू हत्याकांड से अभी तक नही. मिले यह सभी घटनाक्रम संविधान एवं कानूनविरोधी है इससे यही सिद्ध होता है कि हिंदू समाज को अपमानित करने हेतू हिंदूओंके सर्वोच्च श्रद्धास्थान जो साधू संत है उन्हे प्रताडीत करके हिंदू समाज का मनोबल तोडनेका यह एक सुनियोजित षडयंत्र है| इस घटना एवं ऐसे सभी षडयंत्रोका विश्व हिंदू परिषद तीव्र निषेध करती है| इस अवसर पर, विश्व हिंदू परिषद सरकार और प्रशासन से अपील करती है कि वे समय पर ध्यान दें और यह सब बंद करें और हिंदू समुदाय के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करें।
हिंदू समाज सहिष्णु है लेकिन पुरुषार्थ को नहीं भूला है। संविधान और कानून का पालन करने वाला समाज अन्याय बर्दाश्त नहीं करता। विश्व हिंदू परिषद को भी सरकार और प्रशासन से इस विषयको ध्यान मे रखने की उम्मीद है।हिंदू समाज का श्रद्धा स्थान साधु संतोको प्रताडीत करना कितना महंगा पडता है यह पिछली सरकार ने अनुभव किया है। पालघर साधु नरसंहार का समर्थन करनेवाले और आरोपियों का समर्थन करनेवाले पूर्व गृहमंत्री को जेल जाना पड़ा था। और साधुओके अभिशाप से और अपने पापों से, पिछली सरकार को भी सत्ता छोड़नी पडी। सरकार और प्रशासन संतों की शक्ति को ध्यान मे रखकर फैसला लें और समय रहते
सतर्क होकर सख्त कार्रवाई करें। यह अपील विश्व हिंदू परिषद करती है।
इसी संदर्भ में पिछले महीने प.पू.. महामंडलेश्वर श्री हरिहरानंदजी, अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री प.पू. दांडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज, वाराणसी, महाराष्ट्र संत समिति के अध्यक्ष प.पू. महामंडलेश्वर श्री चिदम्बरानंद जी, मुंबई, उत्तर प्रदेश संत समिति के अध्यक्ष प.पू. महामंडलेश्वर श्री अभयानंद सरस्वतीजी महाराज, लखनऊ और विश्व हिंदू परिषद मुंबई क्षेत्र मंत्री श्री शंकरजी गायकर इनके प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। इसमें मुख्य रूप से पालघर साधुओं के लिए तत्काल न्याय शामिल है। इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, हिंदू साधु-संतों को आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने की अनुमति देने के लिए शस्त्र लाइसेंस दिया जाना चाहिए। उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार और तैनात कार्यकर्ताओं को शस्त्र लाइसेंस भी जारी किए जाएं। ऐसी मांगें कि गई। विश्व हिंदू परिषद का संतों की इन सभी मांगों का पूरा समर्थन करती है।
इस देश में संविधान द्वारा स्थापित कानून का शासन है और विश्व हिंदू परिषद यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि यह उसी तरह से चले। यदि सरकार और प्रशासन अपर्याप्त तरीके से या निष्क्रिय तरीके से व्यवहार कर रहे हैं, या हिंदुओं के साथ
भेदभाव कर रहे हैं, तो उन्हे संविधान द्वारा स्थापित कानून के दायरे में सही रास्ते पर लाने के लिए विश्व हिंदू परिषद हमेशा तैयार है। इस घटना के आरोपियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए विश्व हिंदू परिषद इसके लिए तत्काल कदम उठाने और साधुओं को उचित न्याय दिलाने का अनुरोध और अपील कर रही है।