
नोएडा 20 सितम्बर, 2021 : वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का सहायक संगठन, श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप और जुबिलैंट भारतिया ग्रुप के गैर-लाभकारी संगठन, जुबिलैंट भारतिया फाउंडेशन ने आज 12वें सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ़ द इयर (एसईओवाई) अवार्ड – इंडिया 2021 के फाइनलिस्ट के नामों का खुलासा किया.निम्नलिखित उच्च प्रभाव वाले प्रतिष्ठित सामाजिक उद्यमियों को एसईओवाई अवार्ड – इंडिया 2021 के लिए फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया है :अपर्णा हेगड़े, आर्ममैन; www.armman.orgसीमा प्रेम, एफआइए ग्लोबल; www.fiaglobal.comप्रांशु सिंघल, करो संभव; www.karosambhav.comशुचिन बजाज, उजाला सिग्नस; www.ujalacygnus.comउद्योग जगत के दिग्गज और विभिन्न क्षेत्रों एवं पृष्ठभूमि के महत्वपूर्ण व्यक्तियों से गठित एक प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल अवार्ड के अंतिम विजेताओं का चयन करता.‘सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ़ द इयर’ अवार्ड – इंडिया 2021 के विजेताओं की घोषणा 7 अक्टूबर, 2021 वर्चुअल समारोह में की जाएगी. वर्चुअल पुरस्कार समारोह में अति-उत्साही इन व्यक्तियों के अनुकरणीय योगदान का सम्मान करने के लिए पूरे विश्व के विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे.
एसईओवाई अवार्ड का लक्ष्य संभावनाशील और सफल सामाजिक उद्यमियों को मान्यता प्रदान करना है जो व्यापक पैमाने पर व्यवस्था परिवर्तन मॉडल्स में उत्कृष्टता के साथ अनेक क्षेत्रों में चुनौतियों को संबोधित करते हुए समावेशी किवास के प्रमुख समर्थक हैं. एसईओवाई अवार्ड – इंडिया के विजेता द श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप से सम्बद्ध उच्च प्रभावोत्पादक सामाजिक उद्यमों के विश्व के सबसे बड़े नेटवर्क में शामिल होंगे.
एसईओवाई अवार्ड – इंडिया 2021 के सभी फाइनलिस्ट अति-उत्साही परिवर्तनकारी व्यक्ति हैं. इन सभी को कोविड-19 प्रतिक्रिया और प्रयास, पृष्ठभूमि अनुसंधान, टीम के साथ व्यक्तिगत तथा ऑन-ग्राउंड बातचीत, प्रभाव आंकलन, विशेषज्ञ समीक्षा और सन्दर्भ की जाँचों सहित विभिन्न मानदंडों पर आधारित मूल्यांकन के सख्त मानकों के माध्यम से चुना जाता है.चयनित फाइनलिस्ट्स सुविधा से वंचित समूह के लिए मातृ एवं बाल स्वास्थ्य देखभाल, अल्प सेवा प्राप्त वर्ग के वित्तीय सेवा समावेशन, चक्रीय अर्थव्यवस्था (ई-कचरा, प्लास्टिक पैकेजिंग कचरा की रीसाइक्लिंग), बैटरी के अपशिष्ट और शीशा तथा उच्च गुणवत्तापूर्ण तृतीयक हेल्थकेयर सेवाओं के क्षेत्र में कार्यरत तकनीकी-समर्थित विशेषज्ञ हैं.ये सामाजिक उद्यमी अपने-अपने सम्बंधित अभियानों में पथ-प्रदर्शक नवाचारों का प्रयोग करके टेक्नोलॉजी के आविष्कारमूलक प्रयोग, एक्सटेंडेड प्रोडूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (ईपीआर) के ढाँचे पर काम-काज, एआई संचालित फिनटेक प्लैटफॉर्म का निर्माण, भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में किफायती सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों की उपलब्धता के माध्यम से प्रभाव उत्पन्न कर रहे हैं.एसईओवाई अवार्ड – इंडिया 2021 में आवेदन मार्च 2021 में आरम्भ हुआ था और भारत के 28 शहरों से विविध श्रेणियों से 100 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें 28 महिला सामाजिक उद्यमी सम्मिलित हैं. मध्यवर्तन की श्रेणियों में हेल्थकेयर, स्वच्छ टेक्नोलॉजी, मीडिया संचार, अशक्तता, ऊर्जा, उपक्रम निर्माण, श्रमिक अवस्थाओं, माइक्रोफाइनेंस, पोषण, संवहनीय खेती और जल एवं सफाई व्यवस्था सम्मिलित थीं.
एसईओवाई अवार्ड – इंडिया 2021 ने खुद को भारत में सामाजिक उद्यमियों के लिए सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक के रूप में स्थापित किया है. इस वर्ष यह अवार्ड अपना 12वाँ वर्ष मना रहा है. वर्ष 2010 में श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप और जुबिलैंट भारतिया फाउंडेशन ने भारत में सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ़ द इयर (एसईओवाई) अवार्ड – इंडिया के माध्यम से सामाजिक नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए सहकार किया था और तब से इस सहयोग के अंतर्गत भारत में सामाजिक नवोन्मेष के बढ़ते क्षेत्र को मान्यता और सहारा दिया जा रहा है.
फाइनलिस्ट्स का संक्षिप्त विवरण :
आर्ममैन की डॉ. अपर्णा हेगड़ेफाउंडर और मैनेजिंग ट्रस्टीक्षेत्र : हेल्थकेयरस्थापना वर्ष : 2008www.armman.orgआर्ममैन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो बच्चे के प्रथम पाँच वर्षों में मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रमाणित प्रभाव के साथ किफायती, मापनीय, अरैखिक (नॉन-लीनियर), सर्वांगी समाधान के निर्माण हेतु टेक्नोलॉजी का लाभ उठाता है. आर्ममैन के कार्यक्रम गर्भवती स्त्रियों/माताओं को स्वास्थ्य के लिए हितकारी व्यवहार में सुधार के लिए महत्वपूर्ण निवारक जानकारी प्रदान करता है. यह टेक्नोलॉजी-समर्थित व्यापक प्रशिक्षण के द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों और प्रणालियों के साथ सहयोग भी करता है.
यह संगठन ‘तकनीक और संवेदना’ (टेक प्लस टच) दृष्टिकोण अपनाता है और सघन मोबाइल पैठ के साथ सरकार के और अपने विभिन्न सहयोगी एनजीओ के स्वास्थ्य कर्मियों के नेटवर्क का लाभ उठाता है. फिलहाल यह भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से ‘किलकारी’ (पूरी दुनिया में सबसे बड़ा मोबाइल-आधारित मातृ मेसेजिंग प्रोग्राम) और ‘मोबाइल अकैडमी’ प्रोग्राम (विश्व स्तर पर सबसे बड़ा स्वास्थ्यकर्मी प्रशिक्षण कार्यक्रम) का कार्यान्वयन कर रहा है. आर्ममैन ने मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में भविष्यसूचक अनालिटिक्स/एआई के लिए गूगल एआई फॉर सोशल गुड के साथ और व्हाट्सऐप को एक हेल्थ प्लैटफॉर्म के रूप में प्रयोग करने के लिए टर्नडॉटआईओ (Turn.IO) के साथ भी साझीदारी की है.इसका लक्ष्य भारत में वर्ष 2030 तक 123 मिलियन स्त्रियों और बच्चों तथा 1 मिलियन स्वास्थ्यकर्मियों तक पहुँचना है और अभी तक यह देश के 19 राज्यों में 25 मिलियन स्त्रियों और बच्चों तथा 1,97,000 फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क कर चुका है.
एफआईए ग्लोबल की सीमा प्रेमसीईओ, सह-संस्थापकक्षेत्र : वित्तीय सेवाएँ और सामाजिक समावेशनस्थापना वर्ष : 2012www.fiaglobal.com
एफआईए एक प्रभाव ‘फिनटेक’ संगठन है जो दक्षिण एशिया में, विशेषकर स्त्रियों के बीच निम्न आय वाले व्यक्तियों के लिए वित्तीय सेवाओं के वितरण के तौर-तरीकों का स्वरूप बदल रहा है. एफआईए के एआई संचालित फिनटेक प्लैटफॉर्म – फिन्वेस्टा अपने बैंकिंग एजेंट्स के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण ग्राहकों के लिए सैशे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स (लघु एवं सस्ते वित्तीय उत्पाद) का समूहन, डिजाइनिंग और वितरण करता है. अपने वितरण विशेषज्ञता के साथ यह अल्प सेवा प्राप्त समुदायों के लिए वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ, सहज और अपरिहार्य बनाता है. इसकी शुरुआत भारत में बैंकिंग सेवा से वंचित बाज़ार का लाभ उठाने के लिए की गई थी.
एफआईए अपने समावेशन केन्द्रों (इन्क्लूशन सेंटर्स) में सेवाओं की एक छतरी पेश करता है जिसमें लेखा, नकदी जमा/निकासी, फण्ड हस्तांतरण, वैश्विक मुद्रा प्रेषण, निवेश एवं रक्षा उत्पाद, सरकारी ऋण और अनुदानों का वितरण आदि सेवाएं सम्मिलित हैं. इन सेवाओं की रूपरेखा विशेष तौर पर स्त्रियों और स्त्रियों के स्वामित्व में संचालित व्यवसायों तथा वित्तीय रूप से अलग-थलग जनसंख्या के अन्य समुदायों के लिए बनाई गई है, जो सेवा से वंचित या अल्प सेवा प्राप्त स्थानों में रहते या काम करते हैं. एफआईए के स्थानीय बैंकिंग एजेंट्स को एफआईए की ओर से शुरूआती और आगे का निरंतर प्रशिक्षण तथा पेशेवर विकास प्रदान किया जाता है.एफआइए के पास सबसे विशाल ग्रामीण डिजिटल बैंकिंग अवसंरचनाओं में से एक है जो 30,000 समावेशन केन्द्रों के माध्यम से 40 मिलियन ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है. इसका लक्ष्य भारत, नेपाल और बांग्लादेश में 100 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग सेवायें मुहैया करना है.
करो संभव के प्रांशु सिंघलसंस्थापकक्षेत्र : वेस्ट मैनेजमेंटस्थापना वर्ष : 2016www.karosambhav.com
करो संभव एक सामाजिक उपक्रम है जिसका लक्ष्य लोगों के लिए रीसाइक्लिंग को जीवन का तरीका बनाना है. इसके दायरे में ई-वेस्ट, प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट, बैटरी के अपशिष्ट और ग्लास आते हैं. यह कम परखे गए व्यावसायिक क्षेत्रों, जैसे कि मैट्रेस, टेक्सटाइल और टायर की दिशा में लगातार खोज करता रहता है. करो संभव ‘चक्रीय अर्थव्यवस्था’ और विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व’ (ईपीआर) ढाँचों पर प्रमुख उपक्रमों, रणनैतिक गठबन्धनों और सरकारों के साथ सहयोग करता है. करो संभव व्यापक पैमाने पर प्रभाव उत्पन्न करने के लिए अपनी गहरी तकनीकी विशेषज्ञता, जमीनी स्तर पर कारवाई, टेक्नोलॉजी और सिस्टम्स पर चिंतनशील दृष्टिकोण की मूल शक्तियों का उपयोग करता है.
इसका एक महत्वपूर्ण पहलू अनौपचारिक क्षेत्र को कलेक्शन पार्टनर्स के रूप में ईपीआर कार्यक्रमों के साथ सफल एकीकरण रहा है. इसके परिणामस्वरूप 200 से अधिक औपचारिक व्यवसायों का विकास और सामूहिक आमदनी में 8.2 मिलियन यूएस डॉलर का आगमन हुआ है. इसके साथ ही औपचारिक नौकरी के विकास का नया मार्ग तैयार हुआ है. करो संभव ने गत चार वर्षों में 23,000 एमटी से अधिक ई-वेस्ट, प्लास्टिक कचरे का संग्रह और पुनर्चक्रण किया है तथा 21,100 एमटी CO2 उत्सर्जन को रोका है. इसने अपने 3,000 से अधिक स्कूलों और 500 संगठनों के साथ स्थानिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के 29 राज्यों में 60 शहरों में 30 लाख लोगों के साथ प्रत्यक्ष रूप से संपर्क किया है.
डॉ. उजाला सिग्नस हेल्थकेयर सर्विसेज के शुचिन बजाजसंस्थापक निदेशकसेक्टर : हेल्थकेयरस्थापना वर्ष : 2011www.ujalacygnus.com
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स की स्थापना गरीबों में भी सबसे गरीब लोगों की तृतीयक स्वास्थ्यसेवा को संबोधित करने के लक्ष्य के साथ की गई थी. इसका लक्ष्य किफायती कीमतों में जनसाधारण को वैश्विक मानदंड की स्वास्थ्यसेवा प्रदान करना है. इस लक्ष्य के लिए यह भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों के लिए सुपर-स्पेशिलिटी तृतीयक स्वास्थ देखभाल सुविधाओं की कायापलट कर रहा है. इसके अतिरिक्त, यह समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त दवाएँ सुनिश्चित करता है तथा औषधियों, परामर्श तथा ऑपरेशन में छूट प्रदान करता है. उजाला सिग्नस स्वास्थ्य के विभिन पहलुओं पर समुदायों को जागरूक भी बनाता है और इस प्रकार स्वास्थ्य देखभाल की समानता में योगदान करता है. यह संवहनीय स्वास्थ्य देखभाल समाधानों का निर्माण करने के लिए समुदाय में अपने विशेषज्ञ डॉक्टरों के माधयम से अन्य चिकित्सकों के लिए सीएमई (कंटीन्यूअस मेडिकल एजुकेशन) कार्यक्रम संचालित करता है. इस कार्यक्रम के तहत अभी तक 4,000 से अधिक सत्र संचालित हो चुके हैं तथा 50,000 से अधिक चिकित्सकों से सम्पर्क किया जा चुका है.