स्नैपबिज़, संहिता-सीजीएफ का रिवाइव अलायंस और नेल्सन भारत के छोटे व्यापारियों को आर्थिक और डिजिटल क्षमताओं के साथ सशक्त बनाएंगे

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भारत, 12 मई 2021: भारत के छोटे व्यापारियों की महत्वाकांक्षाओं को समर्थ बनाने और देश में चल रहे डिजिटाइज़ेशन अभियान के लाभ पाने में उनकी मदद के लिए स्नैपबिज़ – भारत की अग्रणी रिटेल डिजिटाइज़ेशन कंपनी, संहिता-सीजीएफ का रिवाइव अलायंस – कोविड-19 के कारण नुकसान सह रहे अनौपचारिक कर्मचारियों और उद्यमियों को फिर से खड़ा कर रहा मिश्रित आर्थिक संगठन, नेल्सन – विश्वस्तरीय अनुसंधान और जानकारी विश्लेषक कंपनी और अग्रणी राष्ट्रीय बैंक्स छोटे किराना और अन्य रिटेलर्स का डिजिटाइज़ेशन कर रहे हैं। छोटे किराना व्यापारियों को अपने कारोबार से मिल रही आय और उद्यम की लाभदायिकता में सुधार करना संभव हो सकें इसके लिए डिजिटल उपकरण और प्रथाओं को अपनाने में मदद हो सकें यह उनका उद्देश्य है।

इस सहयोग की शुरूआत पायलट रोलआउट से की गयी है और आगे चलकर इसका बड़ा विस्तार करने की योजना है। नेल्सन, टेर्रेन (ट्रस्ट फॉर रिटेलर्स एंड रिटेल असोसिएट्स ऑफ़ इंडिया), माइकल / सुसान डेल फाउंडेशन (एमएसडीएफ), यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), ब्रिटिश हाई कमिशन, नई दिल्ली और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) इन उल्लेखनीय परोपकारी, विकास और कॉर्पोरेट संगठनों ने इस पहल को समर्थन दर्शाया है।

हर महीने 20 से 25 हजार तक की कुल आय वाले निम्न आय वर्ग के छोटे और स्थानीय व्यापारियों को यह पहल लक्षित करती है, और इसका उद्देश्य कार्यशील पूंजी तक उनकी पहुंच को आसान बनाना, साथ ही आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों को दूर करने में उनकी मदद करना है। दस लाख छोटे व्यापारियों के डिजिटाइज़ेशन के लक्ष्य के साथ, स्नैपबिज़ स्थानीय व्यापारियों के लिए डिजिटल समाधान प्रदान करेगा। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), एमएसडीएफ, ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया, ब्रिटिश हाई कमिशन और यूएनडीपी द्वारा समर्थित मिश्रित वित्त मंच रिवाइव अलायंस के जरिए संहिता-सीजीएफ, छोटे किराना व्यापारियों के लिए डिजिटल समाधान और प्रशिक्षण पाने के लिए रिटर्नेबल ग्रांट्स और अनुदान के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। टेर्रेन व्यापारियों के लिए आधुनिक रिटेल प्रथाओं पर स्वयं सहायता वीडियो उपलब्ध कराकर पहल का समर्थन करेगा। नेल्सन इस पहल में स्टोर अधिग्रहण और डेटा मूल्यांकन समर्थन प्रदान करेगा। इसके अलावा, राष्ट्रीय बैंक्स और स्नैपबिज़ इस पहल के प्रसार में सहयोग कर रहे हैं और कार्यक्रम के लिए डिजिटल समाधान को सब्सिडी दे रहे हैं।

यह समाधान व्यापारियों को व्यापक समर्थन देगा – वे अपने स्टोर को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकें, स्टोर को अपने स्वयं के स्टोरफ्रंट के साथ ऑनलाइन जाने में मदद करने, उन्हें माल के आपूर्तिकर्ताओं और कार्यशील पूंजी वित्त तक पहुंच प्रदान करने में मदद करेगा। इस समाधान के साथ व्यापारी अपनी बिक्री बढ़ाने में सक्षम होंगे, उन्हें ऑनलाईन में नए ग्राहक मिलेंगे, वे अपने माल की होम डिलीवरी कर पाएंगे, स्टोर स्टोर बिलिंग, इन्वेंट्री, अकाउंटिंग और अनुपालन का प्रबंधन करने और माल और पैसे की पहुंच और आपूर्ति में भी यह समाधान उन्हें सक्षम करेगा। इसमें व्यापारियों को कई वित्तीय प्रोत्साहन लाभ भी दिए जाएंगे, जैसे कि चार महीने पूरे होने पर संहिता-सीजीएफ और रिवाइव अलायंस द्वारा 1000 रुपयों का डिजिटल अडॉप्शन रिवॉर्ड, बैंकों और ब्रांड्स की ओर से विशेष प्रदर्शन के लिए पुरस्कार और इन्सेन्टिव्ज, प्रमोशन्स के लाभ भी वे पा सकते हैं। इस पहल से एफएमसीजी ब्रांड्स स्थानीय व्यापारियों से साथ मिलकर विशेष ग्राहकों के लिए खास प्रमोशन्स रख सकते हैं, उनके लिए इन-स्टोर प्रमोशन्स के नए अवसर खुलने की भी उम्मीद है।

संहिता-सीजीएफ के रिवाइव अलायंस द्वारा प्रदान किया गया द रिटर्नटेबल ग्रांट, एक शून्य-ब्याज क्रेडिट साधन है, जो इस पहल में आने वाले हर व्यापारी को प्रौद्योगिकी को अपनाने में मददगार साबित होगा। सफलता मिलते ही व्यापारी यह कर्ज़ किश्तों में लौटा देंगे। एक बार लौटाने के बाद, इस धन का उपयोग व्यापारियों के एक नए बैच को निधि देने के लिए किया जाएगा, धन के उपयोग और पुनःउपयोग की प्रणाली बनायी जाएगी और इस तरह से निवेश किए निधि का लाभ कई व्यापारियों को मिलेगा।

स्नैपबिज़ के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रेम कुमार ने बताया, “हाल के महीनों में कई किराना दुकान डिजिटल हो गए हैं। ऑनलाईन पेमेंट्स लेना, दुकान के माल का ऑनलाईन आर्डर देना, इन्वेंट्री का प्रबंधन आदि इन दुकानों ने शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी भी लाखों किराना दुकानें हैं जो किसी भी डिजिटाइज़ेशन या तकनीकी मदद के बिना काम कर रही हैं, जो उन्हें भारी नुकसान में डाल सकता है और उनकी वृद्धि में भारी बाधा डाल सकता है। संहिता-सीजीएफ और राष्ट्रीय बैंकों के साथ सहयोग के जरिए देश के हर किराना दुकानदार को ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केटिंग की बढ़ती दुनिया का सामना करने का अवसर देना हमारा उद्देश्य है। हमें गर्व है कि हमें इन संगठनों के साथ भागीदारी करने का अवसर मिला क्योंकि इनके साथ मिलकर हम समावेशी विकास को गति देने और छोटे व्यापारियों को बड़ी इकोसिस्टम में शामिल करने का हमारा लक्ष्य पूरा कर पाएंगे। हम समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर डिजिटल रूप से सक्षम भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।”

संहिता की सीईओ और संस्थापक सुश्री प्रिया नाईक ने बताया, “छोटे किराना व्यापारी हमारे खुदरा व्यापार क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं, पूरे कोविड-19 काल में लॉकडाउन में व्यापार और स्वास्थ्य की जोखिम के साथ दुकानें शुरू रखकर नागरिकों को ज़रूरी सामान दिलाकर इन छोटे किराना व्यापारियों ने बड़ी भूमिका निभायी है।

छोटे किराना व्यापारियों को रिटर्नेबल ग्रांट्स दिलाकर उनके डिजिटाइज़ेशन और उद्यम के विकास को तेज़ करने के लिए और उन्हें बढ़ावा देने में मदद करने के लिए स्नैपबिज़ और अग्रणी राष्ट्रीय बैंकों के साथ साझेदारी करते हुए रिवाइव अलायंस को गर्व हो रहा है।

यह साझेदारी छोटे किराना व्यापारियों को किसी भी विपरीत स्थिति का मुकाबला करने, आधुनिक व्यापार क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा करने और कोविड-19 के बाद के दौर के लिए अपने आप को अनुकूल बनाने में सक्षम बनाएगा, ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था और आजीविका को मजबूत बनाया जाए।”

नेल्सन –
“छोटे व्यापारियों के डिजिटाइज़ेशन को तेज़ करने के लिए प्रयासशील पहल में शामिल होते हुए नेल्सनआईक्यू को बहुत गर्व हो रहा है। मार्केट के अध्ययन और जानकारी विश्लेषण के क्षेत्र की हमारी क्षमताओं और कुशलताओं का इस्तेमाल करते हुए समाज को लाभान्वित करने का अवसर हमें मिल रहा है इसकी हमें ख़ुशी है।”

कोविड-19 की दूसरी लहर पहली लहर से ज़्यादा नुकसानदेह है, खास कर 2020 के लॉकडाउन और स्वास्थ्य जोखिमों से पूरी तरह से उबर नहीं पा रहें छोटे उद्यमियों के लिए दूसरी लहर काफी ज़्यादा हानिकारक साबित हो सकती है। लाखों छोटे किराना व्यापारियों को आधुनिकतम डिजिटल उपकरण और समय पर वित्तीय सहायता देकर सक्षम बनाना, ताकि वे विपदा के दौर से सफलतापूर्वक बाहर निकल सकें, वर्तमान और भविष्य में ग्राहकों की बदलती हुई मांगों को पूरा करने के साथ-साथ अपना भी विकास कर सकें यह इस पहल का उद्देश्य है।

स्नैपबिज़, संहिता-सीजीएफ का रिवाइव अलायंस और नेल्सन भारत के छोटे व्यापारियों को आर्थिक और डिजिटल क्षमताओं के साथ सशक्त बनाएंगे

भारत, 12 मई 2021: भारत के छोटे व्यापारियों की महत्वाकांक्षाओं को समर्थ बनाने और देश में चल रहे डिजिटाइज़ेशन अभियान के लाभ पाने में उनकी मदद के लिए स्नैपबिज़ – भारत की अग्रणी रिटेल डिजिटाइज़ेशन कंपनी, संहिता-सीजीएफ का रिवाइव अलायंस – कोविड-19 के कारण नुकसान सह रहे अनौपचारिक कर्मचारियों और उद्यमियों को फिर से खड़ा कर रहा मिश्रित आर्थिक संगठन, नेल्सन – विश्वस्तरीय अनुसंधान और जानकारी विश्लेषक कंपनी और अग्रणी राष्ट्रीय बैंक्स छोटे किराना और अन्य रिटेलर्स का डिजिटाइज़ेशन कर रहे हैं। छोटे किराना व्यापारियों को अपने कारोबार से मिल रही आय और उद्यम की लाभदायिकता में सुधार करना संभव हो सकें इसके लिए डिजिटल उपकरण और प्रथाओं को अपनाने में मदद हो सकें यह उनका उद्देश्य है।

इस सहयोग की शुरूआत पायलट रोलआउट से की गयी है और आगे चलकर इसका बड़ा विस्तार करने की योजना है। नेल्सन, टेर्रेन (ट्रस्ट फॉर रिटेलर्स एंड रिटेल असोसिएट्स ऑफ़ इंडिया), माइकल / सुसान डेल फाउंडेशन (एमएसडीएफ), यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), ब्रिटिश हाई कमिशन, नई दिल्ली और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) इन उल्लेखनीय परोपकारी, विकास और कॉर्पोरेट संगठनों ने इस पहल को समर्थन दर्शाया है।

हर महीने 20 से 25 हजार तक की कुल आय वाले निम्न आय वर्ग के छोटे और स्थानीय व्यापारियों को यह पहल लक्षित करती है, और इसका उद्देश्य कार्यशील पूंजी तक उनकी पहुंच को आसान बनाना, साथ ही आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों को दूर करने में उनकी मदद करना है। दस लाख छोटे व्यापारियों के डिजिटाइज़ेशन के लक्ष्य के साथ, स्नैपबिज़ स्थानीय व्यापारियों के लिए डिजिटल समाधान प्रदान करेगा। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), एमएसडीएफ, ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया, ब्रिटिश हाई कमिशन और यूएनडीपी द्वारा समर्थित मिश्रित वित्त मंच रिवाइव अलायंस के जरिए संहिता-सीजीएफ, छोटे किराना व्यापारियों के लिए डिजिटल समाधान और प्रशिक्षण पाने के लिए रिटर्नेबल ग्रांट्स और अनुदान के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। टेर्रेन व्यापारियों के लिए आधुनिक रिटेल प्रथाओं पर स्वयं सहायता वीडियो उपलब्ध कराकर पहल का समर्थन करेगा। नेल्सन इस पहल में स्टोर अधिग्रहण और डेटा मूल्यांकन समर्थन प्रदान करेगा। इसके अलावा, राष्ट्रीय बैंक्स और स्नैपबिज़ इस पहल के प्रसार में सहयोग कर रहे हैं और कार्यक्रम के लिए डिजिटल समाधान को सब्सिडी दे रहे हैं।

यह समाधान व्यापारियों को व्यापक समर्थन देगा – वे अपने स्टोर को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकें, स्टोर को अपने स्वयं के स्टोरफ्रंट के साथ ऑनलाइन जाने में मदद करने, उन्हें माल के आपूर्तिकर्ताओं और कार्यशील पूंजी वित्त तक पहुंच प्रदान करने में मदद करेगा। इस समाधान के साथ व्यापारी अपनी बिक्री बढ़ाने में सक्षम होंगे, उन्हें ऑनलाईन में नए ग्राहक मिलेंगे, वे अपने माल की होम डिलीवरी कर पाएंगे, स्टोर स्टोर बिलिंग, इन्वेंट्री, अकाउंटिंग और अनुपालन का प्रबंधन करने और माल और पैसे की पहुंच और आपूर्ति में भी यह समाधान उन्हें सक्षम करेगा। इसमें व्यापारियों को कई वित्तीय प्रोत्साहन लाभ भी दिए जाएंगे, जैसे कि चार महीने पूरे होने पर संहिता-सीजीएफ और रिवाइव अलायंस द्वारा 1000 रुपयों का डिजिटल अडॉप्शन रिवॉर्ड, बैंकों और ब्रांड्स की ओर से विशेष प्रदर्शन के लिए पुरस्कार और इन्सेन्टिव्ज, प्रमोशन्स के लाभ भी वे पा सकते हैं। इस पहल से एफएमसीजी ब्रांड्स स्थानीय व्यापारियों से साथ मिलकर विशेष ग्राहकों के लिए खास प्रमोशन्स रख सकते हैं, उनके लिए इन-स्टोर प्रमोशन्स के नए अवसर खुलने की भी उम्मीद है।

संहिता-सीजीएफ के रिवाइव अलायंस द्वारा प्रदान किया गया द रिटर्नटेबल ग्रांट, एक शून्य-ब्याज क्रेडिट साधन है, जो इस पहल में आने वाले हर व्यापारी को प्रौद्योगिकी को अपनाने में मददगार साबित होगा। सफलता मिलते ही व्यापारी यह कर्ज़ किश्तों में लौटा देंगे। एक बार लौटाने के बाद, इस धन का उपयोग व्यापारियों के एक नए बैच को निधि देने के लिए किया जाएगा, धन के उपयोग और पुनःउपयोग की प्रणाली बनायी जाएगी और इस तरह से निवेश किए निधि का लाभ कई व्यापारियों को मिलेगा।

स्नैपबिज़ के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रेम कुमार ने बताया, “हाल के महीनों में कई किराना दुकान डिजिटल हो गए हैं। ऑनलाईन पेमेंट्स लेना, दुकान के माल का ऑनलाईन आर्डर देना, इन्वेंट्री का प्रबंधन आदि इन दुकानों ने शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी भी लाखों किराना दुकानें हैं जो किसी भी डिजिटाइज़ेशन या तकनीकी मदद के बिना काम कर रही हैं, जो उन्हें भारी नुकसान में डाल सकता है और उनकी वृद्धि में भारी बाधा डाल सकता है। संहिता-सीजीएफ और राष्ट्रीय बैंकों के साथ सहयोग के जरिए देश के हर किराना दुकानदार को ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केटिंग की बढ़ती दुनिया का सामना करने का अवसर देना हमारा उद्देश्य है। हमें गर्व है कि हमें इन संगठनों के साथ भागीदारी करने का अवसर मिला क्योंकि इनके साथ मिलकर हम समावेशी विकास को गति देने और छोटे व्यापारियों को बड़ी इकोसिस्टम में शामिल करने का हमारा लक्ष्य पूरा कर पाएंगे। हम समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर डिजिटल रूप से सक्षम भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।”

संहिता की सीईओ और संस्थापक सुश्री प्रिया नाईक ने बताया, “छोटे किराना व्यापारी हमारे खुदरा व्यापार क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं, पूरे कोविड-19 काल में लॉकडाउन में व्यापार और स्वास्थ्य की जोखिम के साथ दुकानें शुरू रखकर नागरिकों को ज़रूरी सामान दिलाकर इन छोटे किराना व्यापारियों ने बड़ी भूमिका निभायी है।

छोटे किराना व्यापारियों को रिटर्नेबल ग्रांट्स दिलाकर उनके डिजिटाइज़ेशन और उद्यम के विकास को तेज़ करने के लिए और उन्हें बढ़ावा देने में मदद करने के लिए स्नैपबिज़ और अग्रणी राष्ट्रीय बैंकों के साथ साझेदारी करते हुए रिवाइव अलायंस को गर्व हो रहा है।

यह साझेदारी छोटे किराना व्यापारियों को किसी भी विपरीत स्थिति का मुकाबला करने, आधुनिक व्यापार क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा करने और कोविड-19 के बाद के दौर के लिए अपने आप को अनुकूल बनाने में सक्षम बनाएगा, ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था और आजीविका को मजबूत बनाया जाए।”

नेल्सन –
“छोटे व्यापारियों के डिजिटाइज़ेशन को तेज़ करने के लिए प्रयासशील पहल में शामिल होते हुए नेल्सनआईक्यू को बहुत गर्व हो रहा है। मार्केट के अध्ययन और जानकारी विश्लेषण के क्षेत्र की हमारी क्षमताओं और कुशलताओं का इस्तेमाल करते हुए समाज को लाभान्वित करने का अवसर हमें मिल रहा है इसकी हमें ख़ुशी है।”

कोविड-19 की दूसरी लहर पहली लहर से ज़्यादा नुकसानदेह है, खास कर 2020 के लॉकडाउन और स्वास्थ्य जोखिमों से पूरी तरह से उबर नहीं पा रहें छोटे उद्यमियों के लिए दूसरी लहर काफी ज़्यादा हानिकारक साबित हो सकती है। लाखों छोटे किराना व्यापारियों को आधुनिकतम डिजिटल उपकरण और समय पर वित्तीय सहायता देकर सक्षम बनाना, ताकि वे विपदा के दौर से सफलतापूर्वक बाहर निकल सकें, वर्तमान और भविष्य में ग्राहकों की बदलती हुई मांगों को पूरा करने के साथ-साथ अपना भी विकास कर सकें यह इस पहल का उद्देश्य है।

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