कॉम्फी स्नग फिट ने पीरियड्स से जुड़े संकोच को दूर करने के लिए इंडिपेंडेंस डे पर ‘अनबॉक्सिंग फ्रीडॅम’ कैंपेन चलाया

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ब्राउन पेपर बैग के भीतर छिपी असहजता से लड़ने के लिए दिया दमदार संदेश

मुंबई, 16 अगस्त 2021: कॉम्फी स्नग फिट, जो अमृतांजन हेल्थकेयर लिमिटेड (अमृतांजन हेल्थकेयर) का तेजी से बढ़ता मेंस्ट्रुअल हाइजिन ब्रांड है, ने स्वतंत्रता दिवस (इंडिपेंडेंस डे) के लिए तैयार किये गये अपने नवीनतम डिजिटल कैंपेन में पीरियड्स को लेकर किसी भी संकोच से मुक्त कराने के लिए प्रयास किया है। यह अभियान 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शुरू किया जा रहा है। कॉम्फी का उद्देश्य इस बात को लेकर एक दमदार संदेश देना है कि पीरियड्स से गुजर रही महिलाओं के लिए असली आजादी क्या होती है और ब्राउन पेपर बैग के अंदर छिपी वर्षों की असहजता को उजागर करना है। इससे उम्मीद है कि पीरियड्स को लेकर वर्षों से हमारे दिमाग में बनी संकुचित सोच खुलेगी और इसे सामान्य रूप से स्वीकार किया जा सकेगा।

इस डिजिटल अभियान के जरिए, कॉम्फी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि आजादी के बाद से महिलाओं ने कितनी प्रगति की है, और फिर भी वो पीरियड़्स से जुड़ी चर्चाओं को निषिद्ध विषय मानने के लिए बाध्य हैं। पीरियड एक प्राकृतिक घटना है और सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करना एक स्वच्छ आवश्यकता से अधिक नहीं है। फिर भी, पीरियड्स के बारे में बात करना अभी भी वर्जित माना जाता है और इसे लेकर केवल दबी जुबान में ही चर्चाएँ हो पाती हैं। सैनिटरी नैपकिन की ओवर-द-काउंटर बिक्री तक ऐसी ही स्थिति है और इसे अखबार में लपेटकर बेचा जाता है, या ब्राउन रंग के कागज या काले प्लास्टिक की थैलियों में छिपाया जाता है।

यह ब्राउन पेपर बैग वर्षों की शर्म, वर्जना, पीड़ा और अज्ञानता का प्रतीक है जो आजादी के इतने दशकों बाद भी हमारे समाज द्वारा पीरियड़्स को लेकर संकुचित सोच को दर्शाता है!

कॉम्फी के ‘अनबॉक्सिंग फ्रीडॅम’ कैंपेन के अंतर्गत एक वीडियो दिखाया जायेगा जिसमें एक ब्राउन पेपर बैग में रखे सैनिटरी पैड को निकालते हुए (अनबॉक्स) दिखाया जायेगा। इस अभियान का उद्देश्य पीरियड्स को निषिद्ध विषय मानने की सोच को दूर कर इसके प्रति एक स्वस्थ धारणा पैदा करने की है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 15 से 24 वर्ष की आयु वर्ग की 62%* युवा भारतीय महिलाएं अभी भी पीरियड़्स के दौरान कपड़े का उपयोग कर रही हैं और भारत में 20%* से कम महिलाओं के पास सैनिटरी पैड उपलब्ध हैं।

भारत में आज पीरियड्स से गुजर रही महिलाओं की हालत पर टिप्पणी करते हुए, अमृतांजन हेल्थ केयर लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, श्री एस. शंभु प्रसाद ने कहा, “महिलाओं में पीरियड्स के दौरान बरती जाने वाली स्वच्छता के बारे में जागरूकता और शिक्षा का स्तर कम है। सबसे गंभीर बात यह है कि हमारे देश के अधिकांश हिस्सों में अभी भी इसको लेकर खुलकर चर्चा नहीं होती है। अमृतांजन हेल्थकेयर का लक्ष्य इस मुद्दे को उजागर करना है। इस स्वतंत्रता दिवस पर, हमारा उद्देश्य भारत की महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास में महिलाओं के पीरियड़्स समय के स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में मुक्त चर्चा और बातचीत को प्रोत्साहित करना है।‘’

अमृतांजन हेल्थ केयर लिमिटेड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, श्री मणि भगवतीस्वरन ने कहा, ‘’ #अनबॉक्सिंग फ्रीडम इस बात को जीवंत तरीके से रखता है कि आजादी के कई वर्षों के बाद भी, पीरियड्स और सैनिटरी नैपकिन के उपयोग पर हमारे विचारों को अभी भी वर्जित और सामाजिक रूढ़ियों से मुक्ति पाने की जरूरत है। ब्राउन बैग, पीरियड्स को लेकर समाज में मौजूद कलंकित सोच को दर्शाता है। यह अभियान समाज से इन संकुचित सोचों से खुद को मुक्त करने और पीरियड्स के बारे में बात करते समय महिलाओं को अधिक सहज और आत्मविश्वास महसूस कराने का आग्रह करता है। भारत की हर महिला के लिए छिपी आजादी को बाहर निकालने का यह हमारा प्रयास है।‘’’

कॉम्फी के डिजिटल अभियान का उद्देश्य #ThePowerToBeYou को एक्टिवेट करना है और ब्राउन पेपर बैग को उतारते हुए उनकी मौलिकता के साथ उन्हें सशक्त बनाता है ताकि वो सैनिटरी पैड के साथ बिना किसी हिचक या संकोच के सहज महसूस कर सकें।

कोर्रा के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर, श्री दीपक कुमार ने कहा, ‘’इंटरनेट पर अनबॉक्सिंग के ट्रेंड से हम सभी परिचित हैं। इसलिए हमने युवतियों की कहानियों को अनबॉक्स करने के लिए इसका इस्तेमाल करने के बारे में सोचा, जो हमारे समाज द्वारा हमें खुले में सैनिटरी नैपकिन ले जाने के बारे में शर्मिंदा होने के लिए प्रशिक्षित करने के तरीके को दर्शाती है। और हमें इस बात को स्पष्ट करने के लिए देश के लिए साल के इस सबसे महत्वपूर्ण दिन से बेहतर दिन नहीं मिलता। हम पीरियड्स के समय की स्वच्छता पर जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में अमृतांजन के साथ निरंतर साझेदारी की आशा करते हैं।‘’

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