गुडनाइट का नया उत्पाद – जंबो फास्ट कार्ड, कागज से बना एक अनोखा मॉस्क्विटो रेपेलेंट, जिसके हर इस्तेमाल का खर्च है मात्र 1.5 रूपए

0


स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और हिका के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को मच्छर जनित बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए नवाचार और साझेदारी की आवश्यकता है।

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स द्वारा विकसित, भारत में बनाया गया एक अभिनव उत्पाद, कागज से बना मॉस्क्विटो रेपेलेंट जो मच्छरों को तुरंत मारता है और इसका प्रभाव 4 घंटे तक रहता है।
इस अभिनव उत्पाद का नाम गुडनाइट जंबो फास्ट कार्ड है और इसकी कीमत बहुत ही किफायती हर इस्तेमाल के लिए केवल 1.5 रूपए है।
स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और हिका के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को मच्छर जनित बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए नवाचार और साझेदारी की आवश्यकता है।

मुंबई, 27 सितंबर 2021: महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी है और ऐसे में मलेरिया और डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य के लिए दोहरा खतरा पैदा कर दिया है। इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था ‘मच्छर-जनित रोगों के खिलाफ लड़ाई और नवाचार की आवश्यकता’, इस संगोष्ठी में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार; भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर); द गेट्स फाउंडेशन; होम इन्सेक्ट कंट्रोल असोसिएशन (हिका) और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के विशेषज्ञ मौजूद थे। चर्चा के दौरान, एक परिवर्तनकारी, अभिनव उत्पाद पेश किया गया जो शहरी और साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए मच्छरों से सुरक्षा प्राप्त करना आसान, अधिक प्रभावी और अधिक किफायती बना देगा। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की शोध और विकास टीम द्वारा विकसित, यह कागज से बना यह रेपेलेंट मच्छरों को तुरंत मारता है और 4 घंटों तक सुरक्षा प्रदान करता है।

उत्पाद का नाम गुडनाइट जंबो फास्ट कार्ड है और यह एक कागज से बना, गोलाकार कार्ड है। जंबो फास्ट कार्ड के जलते ही इसमें लगी तकनीक सक्रिय हो जाती है और तेज़ी से काम करने लगती है और मच्छरों को तुरंत मार देती है। इतना ही नहीं, बल्कि कमरे में एक अच्छी महक भी बनी रहती है।

भारत में उपयोग किए जाने वाले लगभग 50% मॉस्क्विटो रेपेलेंट्स जलाकर इस्तेमाल किए जाने वाले होते हैं। इनमें से लगभग 30% में गैर-मान्यता प्राप्त और अवैध मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियां होती हैं, जो उनमें इस्तेमाल किए गए हानिकारक रसायनों के सक्रिय के रूप में उपयोग के कारण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इन हानिकारक रेपेलेंट्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए जंबो फास्ट कार्ड एक उच्च गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित विकल्प है। इस क्रांतिकारी उत्पाद के इस्तेमाल के लिए इसे बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, इसलिए इसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। गुडनाइट जंबो फास्ट कार्ड 10 कार्डों के पैक में उपलब्ध है, जिसकी कीमत मात्र 15 रुपये है, यानी कि इसके हर इस्तेमाल का खर्च सिर्फ 1.5 रूपए है।

इस अभिनव उत्पाद के बारे में गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के भारत और सार्क देशों के सीईओ श्री. सुनील कटारिया ने कहा, “घरेलू उपयोग के कीटनाशकों के क्षेत्र में एक अग्रणी ब्रांड के रूप में, गुडनाइट लगातार नवाचार करने और बहुत ही किफायती कीमतों पर प्रभावी, सुरक्षित समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जंबो फास्ट कार्ड हमारा नवीनतम उत्पाद है। यह इस उत्पाद विभाग के बारे में हमारा ज्ञान और देश की वर्तमान ज़रूरतों के बारे में हमारी समझ का परिणाम है। कागज से बना यह क्रांतिकारी उत्पाद ग्राहकों को दोहरा लाभ देता है क्योंकि इसका प्रभाव तुरंत शुरू होता है और 10 कार्डों के लिए सिर्फ 15 रुपये की कम कीमत पर 4 घंटों तक सुरक्षा प्रदान करता है। इसीलिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के लोगों के लिए मच्छरों के खिलाफ जंबो फास्ट कार्ड एक प्रभावी और किफायती हथियार साबित होगा।”

वेलबीइंग चैंपियन डॉ. मार्कस रेने द्वारा संचालित, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, द गेट्स फाउंडेशन, हिका के विशेषज्ञों के एक पैनल ने सुझाव दिया है कि अगर भारत को मच्छरों से होने वाली बिमारियों से राहत पानी है तो नवाचार और साझेदारी ज़रूरी है। हालांकि कोविड-19 एक बड़ी वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन यह इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे इतने कम समय में नवाचार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। होम टेस्टिंग कोविड -19 किट, इन्फेक्शन फ्री टेप्स, फोन बूथ कोविड -19 परीक्षण से लेकर कोविड के खिलाफ टीकों तक, इन सभी नवीन समाधानों ने दुनिया भर के लोगों को महामारी से लड़ने में सक्षम बनाया है। पैनल ने यह भी सुझाव दिया कि सामूहिक दृष्टिकोण अपनाकर, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के उन्मूलन के लिए नए उत्पादों की खोज की जानी चाहिए।

विशेषज्ञों ने मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए लोगों की आदतों और मानसिकता में बदलाव लाने का अनुरोध किया है। स्वच्छता की सही आदतों को अपनाना, घर पर मच्छर भगाने वाले उत्पादों और घर से बाहर जाते समय पर्सनल रेपेलेंट्स का उपयोग करना, मच्छरदानी, पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े आदि का उपयोग करना और मच्छरों की पैदास न हो इसलिए घर के भीतर या आसपास कही पर भी पानी जमा न हो यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुख्य सलाहकार डॉ. पीके सेन ने कहा, “भारत को मच्छर जनित बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए नवाचार की ज़रूरत है। मलेरिया और डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों का प्रकोप काफी बड़ा होता है। इन बीमारियों का बोझ अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणाली को भारी मात्रा में प्रभावित करता है। प्रभावी वेक्टर नियंत्रण प्रतिक्रिया के लिए सामुदायिक सामंजस्य को मजबूत करने के लिए अंतर-मंत्रालयी एकीकरण के साथ एकजूट होकर प्रयास करना महत्वपूर्ण है। नवाचार का समर्थन करने से अद्वितीय उपकरण विकसित होंगे और एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा जो साझेदारी को बढ़ावा देगा। ज़्यादा नए उपकरणों के साथ नीतियों को लागू करने से आसान, किफायती और चिरस्थायी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज में तेज़ी आएगी।”

आईसीएमआर – क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, गोरखपुर की निदेशक डॉ. रजनी कांत ने कहा, “हमें दवा प्रतिरोध जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर शोध करने और मलेरिया के मामले में हॉट स्पॉट की पहचान करने और इसके उन्मूलन की दिशा में कुछ मॉडल परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता पैदा करने और वैक्सीन अनुसंधान की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। बढ़ती आबादी, शहरीकरण, दुनिया भर में की जाने वाली यात्राएं और जलवायु परिवर्तन के कारण मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए खुद को बेहतर तरीके से लैस करने की आवश्यकता है। विश्लेषण हमें बेहतर तैयार होने में मदद करेगा। सार्वजानिक क्षेत्र के हो या निजी, नवाचारों का समर्थन करना भारत को बीमारी की रोकथाम और बीमारी आने पर बेहतर उपचार के लिए समाधान और उपकरणों के साथ सशक्त करेगा। हमारी 95% आबादी मलेरिया जहां ज़्यादा है ऐसे क्षेत्रों में रहती है, सार्वजनिक-निजी भागीदारी भी अनुसंधान और जनता के लिए सस्ते और लगत प्रभावी समाधान विकसित करने में मदद कर सकती है।”

घरेलू कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करने वाली एक गैर-लाभकारी उद्योग संस्था, होम इन्सेक्ट कंट्रोल असोसिएशन के मानद सचिव, एडवोकेट जयंत देशपांडे ने बताया, “मलेरिया और डेंगू के खिलाफ तैयारी करते समय सही घरेलु कीटनाशकों का इस्तेमाल करना ज़रूरी है। हम लोगों से प्रतिष्ठित कंपनियों की सुरक्षित और अनुमोदित अगरबत्तियों का उपयोग करने का आग्रह करते हैं। बेईमान कंपनियों की अगरबत्तियां सस्ती हो सकती हैं लेकिन ये कंपनियां उत्पादन प्रक्रियाओं में नियमों का पालन नहीं करती हैं, त्वचा, आंख और श्वसन अंगों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी मानकों की जांच नहीं करती हैं। गैरकानूनी अगरबत्तियों में नियमों का उल्लंघन किया जाता है और ऊपर उल्लिखित मानदंडों के अनुसार उनका परीक्षण नहीं किया जाता। गुडनाइट जंबो फास्ट कार्ड जैसे किफायती और प्रभावी अभिनव उत्पाद क्रांतिकारी साबित होंगे और उपभोक्ताओं को इससे लाभ होगा।”

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड श्री सुनील कटारिया ने कहा, “एक उद्योग समूह के रूप में, गोदरेज ने हमेशा लोगों के लाभ और देश की प्रगति के लिए अभिनव उत्पादों को विकसित करके उन्हें सभी तक पहुंचाने का प्रयास किया है। गुडनाइट जंबो फास्ट कार्ड हमारी शोध और विकास टीम द्वारा विकसित व्यावहारिक समाधानों में से एक है। मच्छरों से होने वाली बिमारियों के खिलाफ लड़ाई में भारत के हाथ मज़बूत करने के लिए यह हमारा योगदान है।”

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीमती निसाबा गोदरेज का वीडियो संदेश: https://bit.ly/3lVR0vL

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *