यूपीएल ने प्रस्तुत किया भारत का पहला पूरी तरह से उपयुक्त, स्मार्ट-प्रौद्योगिकी संचालित बीज उपचार उत्पाद “इलेक्ट्रॉन” ~ बीजों को लागत प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने का लक्ष्य ~ अनुचित अंकुरण को कम करता है और कीटनाशकों और कवकनाशी दोनों के लाभ प्रदान करता है

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मुंबई, १ऑक्टोबर, 2021: चिरस्थायी कृषि उत्पाद और समाधान प्रदान करने वाली वैश्विक कंपनी यूपीएल लिमिटेड ने बीज और पौधों के स्वास्थ्य विभाग में स्मार्ट प्रौद्योगिकी-संचालित बीज उपचार समाधान “इलेक्ट्रॉन” 3-डब्ल्यूएम (3-वे मिक्स) आज प्रस्तुत किया। किसान की जरूरतों को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हुए बनाया गया यह उत्पाद लागत प्रभावी है क्योंकि यह पौधों के बढ़ने चक्र के प्रारंभिक चरण में पर्ण अनुप्रयोगों की आवश्यकता को कम करता है, जिससे उत्पादन की लागत में कमी आती है।

“इलेक्ट्रॉन” का उद्देश्य अनुचित अंकुरण जैसी समस्याओं से छुटकारा पाकर किसानों को फसल उत्पादकता बढ़ाने में सहायता करना है। वर्तमान स्थिति में फसल की पैदावार फसल सुरक्षा उत्पादों के सही उपयोग और फसल पैदावार, संरक्षण की सही प्रथाओं के उपयोग पर निर्भर करती है। “इलेक्ट्रॉन” प्रारंभिक अवस्था में बीज और अंकुर को कीटों और बीमारियों से बचाने में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है और फसल को मज़बूती से उगाने में मदद करता है। यह बीज को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे किसानों को भारी पैदावार मिलती है।

यूपीएल इंडिया के बिज़नेस हेड – एएफ, श्री अवनींद्र शाह ने कहा, “हम प्रगतिशील नवाचारों का उपयोग और चिरस्थायित्व की पुनर्कल्पना करके किसान समुदाय को बेहतर उत्पाद देकर सक्षम करने का लगातार प्रयास करते हैं। यूपीएल में, हमें गर्व है कि हम किसानों की जरूरतों को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार उत्पाद और सेवाएं बनाते हैं। जैसे कि, इलेक्ट्रॉन किसानों को उनकी उपज और आय बढ़ाने में मदद करेगा।”

यूपीएल इंडिया के मार्केटिंग हेड श्री राहुल पांडे ने कहा, “यूपीएल में हम किसानों के कल्याण और समृद्धि के लिए समर्पित हैं और उन्हें हमारे प्रमुख हितधारक मानते हैं। हमारा उद्देश्य किसानों को नवाचार के माध्यम से स्थायी उत्पाद प्रदान करना है जो उनके जीवन को आर्थिक रूप से बेहतर बनाते हैं। इलेक्ट्रॉन 3-डब्ल्यूएम प्रौद्योगिकी बीज उद्योग में बड़ा परिवर्तन लेकर आएगी, प्रारंभिक अवस्था में बीज और फसल को कई समस्याओं से बचाएगी और खेती की लागत को कम करेगी, किसानों के लिए भारी उपज और आय में बढ़ोतरी के लिए एक मज़बूत आधार बनेगी।”

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